रविवार, 5 जून 2011

माता पिता की ओर से यादगार बचपन

माता पिता की ओर से बचपन यादगार बना दिया जाता जैसे हम अब याद करते है अपनी माता पिता द्वारा किये गए छोटे छोटे काम बड़े अच्छे और सच्चे लगते है उस समय उसका महत्व नहीं पता तो क्या आज तोह समझ आ गया है १ आज अपे बच्च में अपना बचपन धुन्धती हु और उसके साथ एक बार फिर खिल उठी हु ..जसा में करती हु वसे ही मेरा बच्चा सीख जाता है में कोशिश करती हु उससे एक अच्छा बचपन देने की ...जिसमे वो देख कर सीखे और बड़ा हो कर समझ जाये जसा मेरे माता पिता ने मुझे दिया ......इसमें भावना भी थी जिम्मेर्दारी और आर्थिक सुझबुझ भी ...पालन पोषण में पैसा कितना ज़रूरी है यह बच्चे हम से सीखते है ...अब हमे इसमें समझना होत्ता है उन्हें कितना बतायी और कब ......आखिर इस दुनिया का सामना उससे अकले ही करना होगा 
  • बच्चो की पुरानी कॉपी में खली पन्नो को निकल कर जिल्द करवा कर रुफ्फ़ कॉपी के लिए दे 
  • अपना कमरा और रैक साफ रखने में मदद ले और दे ..
  • कलर बॉक्स और पैंट के लिए अलग डब्बा दे 
  • एक्टिविटी और पढने का समय  फिक्स करे 
  • बच्चे पे अपने अरमान नहीं उसका झुकवा महसूस करके वो कराये 
  • नकरात्मक  बातें से दूर रखे 
  • उसको अपना काम करने और सोच बदने का मौका दे 
  • जावा देने के लिए समय दे आप न सीख्यिए 
  • एक डायरी बनाये जिसमे उसके घुमने का वर्णन लिखे बाद होकर उससे दे
  • एक एल्बम बनाये और उसमे यादो को लिखे 
  • कहीं भी घुमने जाने से पहले उसके बार में उससे मानचित्र से लेकर ट्रेन और सब क जानकारी दे .
  • रिश्तेदारों और मित्रो से सद्भाव  मिलवाए 
  • शिष्ठाचार और अनुशाशन का जीवन में महत्वा काम से सीखियिए 
  • अपनी जबान और आचार का पूरा धयान  रखे 
  • हर काम को पूरा करे 
  • बच्चे के सामने साफ़ और सफाई का महत्व बता ज़रूरी है 
  • खाना और टेबल शिष्ठाचार स्वय करे बच्चा अपने आप सीख जायेगा 
  • अपनी जमीन से जुडी बातें रोचक और प्रेरणा के रूप में बातये 
  • खुश रहना और रखना सीख्यिए 
  • प्रकृति प्रेम से अवगत कराये 
  • उसकी कमजोरी को उसकी ताकत बनाये
  • मस्ती मज़ा में मज़ा  लीजिये मज़ा करयिए --एक सीमा और दायरे में बांध कर लेकिन फिर भी आज़ादी से  ..मुश्किल है पर न मुमकिन नहीं 
  • हर व्यक्तित्वा अलग है किसी का कोई मेल नहीं इसलिए कोई समानता भी नहीं --कोई तुलना भी नहीं  कभी नहीं
  • उसके फोटो को महीनो के हिसाब से कंप्यूटर में सेव करके रख दीजिये और विडियो पे विस्तार  में अठखेल के बारे में लिख कर बड़े होने पर दीजिये 
  • उसकी बायी और पहली बार करी गयी चीजों कोसंभालकर रख लीजिये 
  • परिवार का विवरण लिख कर एक उससे दीजिये 
  • यदि आप कंप्यूटर पर मेल लिख कर रख लीजिये बड़े होने पे फॉरवर्ड कर दीजियेगा 
  • बच्चो के साथ छोटे छोटे काम करते रेहियिए यही बड़ी यादें बन जाती है 
  • सख्ती भी जरुरी है ..हर काम में ..खाने में , पैसा में ,पढाई में ..........
  • बुरी चीज़ के बारे में बताना हमारा काम है पर यह उम्मीद कभी नहीं किया किसी ने नहीं किया थोपा नहीं जा सकता
बच्चो का आगमन और उनकका बड़ा होना हर माँ बाप के लिए जीवा का महत्वपूर्ण अंग होत्ता है ! उससे यादगार और अच्छा नागरिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते पर कमी कब कहाँ रह जाती है यह बड़े होके आभास होता है गलती  हमारी या या दुनियादारी की .......पर उम्मीद नहीं छूटती न ही छोडनी चाहिए .......अगर हम गलत नहीं है तो ......वसे भी माता पिता बनाने  के बाद ही पता चलता है की कितना मुश्किल काम है और वो हमेशा सही होते है ..