मंगलवार, 3 मई 2011

वो आ भी गए तो क्या है












वो आ भी गए तो क्या है
अपनी पहली  बीवी (कंप्यूटर) में काम  करंगे और वही उसके साथ खाना खा लेंगे
हम  तो फिर भी तनहा है  कभी इस  खालीपन को भरने की कोशिश तो  करो
कभी  बढते बच्चे की अथकेलियों के बारे में जानो
कभी अपने बिताये हुए दिन के बारे में बताओ
थोडा कुछ मेरा सुन लो थोडा अपना कह लो
मन हलक हो जाता है दोनों का
अकेले तो  हम पहेले भी थे ,अब आपका साथ महसूस हो जाता है
काम तो जीवन भर है  पल दो पल हमे भी दे दो
अनकही बातें मन में ही रह जाती है
कई हसरतो को कुचल  कर आगे बढ रहे है
पतझड के बाद बसंत कभी तो आएगा
इसी आस  पे हम भी जी  रहे है
कभी हम भी भी पहली बीवी होंगे
फिर वो shutdown रहेगी और हम  रिस्टार्ट होंगे
कभी घुटने के दर्द से कभी चश्मा ढूंढते हुए
कभी bp की दवा एक दूसरे को देकर
कापते हाथों से एक दूसरे का हाथ पकड़ते हुए
बीते लम्हों और तन्हायी को पूरा करते
फिर हम  दस बार में सुनेगे ....और न जाने क्या हाँ हु में ......करंगे 
कल को आज सोचते हुए अजीब लगता है
बस दो हाथ नहीं होंने चाहिए वर्ना सब अधुरा है
फिर अगले जनम न जाने कौन सी पहली बीवी होगी .............
में  सारी  बातें पहली बीवी की harddisk में सेव कर सकती और वो याद दिला देती .............
वो कर तो लेती पर क्या में उससे  ढूंढ़ पाती ...........?
वसे तो  पहली बीवी के कारण मेरा बहुत सा मनोरंजन  हो ही जाता है
 में मानती नहीं वो बात और है ..................


कोई टिप्पणी नहीं: