सोमवार, 5 जुलाई 2010

अब जब में इंडिया जाऊँगी

अब जब में इंडिया जाऊँगी
न में हिंदी में बात करुँगी न नमस्कार करुँगी
hi hello में  ही सबका उतर दूंगी, काला  चश्मा छोटे   कपडे,हाथ में पर्स
हाई हील ,गर्दन में कलफ
सादा  पानी  नहीं बिसलेरी लुंगी
मेरे लिए  ए सी लगवाओ
नरम  नरम बिस्तर लाओ
 कोर्न्फ्लाकेस का नाश्ता बनाओ
खाने में पास्ता ,सलाद पिज्जा और फ़्रुइत्स ही खाऊँगी
अंगेरजी में बाई को  हुकुम  दूंगी
अबकी जब में US से इंडिया जाऊँगी
यह सब काम करती हूँ  किसी को नहीं बताउंगी
काम तो पति करता है पर अफ्सरनी  में दिखाउंगी
बच्चे को छुते ही santitizer  लगने का निवेदन करुँगी
यह बाई के सब काम करती हूँ वह तो अफसर बनाने का काम करुँगी
US  का रोब ही बहुत है
कितनो को पाता है असलियत
यह कंजूसी  से रह कर --कर रहे  है बचत
वह लुट कर लोगो पे रोब जमा देंगे
इसलिए तो २ साल में एक बार ही घर के द्वार दस्तक देंगे
यह की अच्छी चीओ का बखान कर
घर से दूर रहने के दंश को छिपा लेंगे
अबकी जब इंडिया का रुख  करेंगे

कोई टिप्पणी नहीं: