जीवन बिन मर्त्यु नहीं,हार  बिन जीत नहीं
पानी बिन जगत नहीं, माली बिन बाग़ नहीं 
भगवन बिन भक्त नहीं , रात बिन दिन नहीं
शक बिन विश्वास नहीं , समस्या बिन समाधान नहीं
किसान बिन खेत नहीं , जन बिन देश नहीं
मन बिन कार्य नहीं , गम बिन खुशी नहीं
कृष्ण बिन राधा नहीं , सूर्य बिन चाँद नहीं
लय बिन गीत नहीं , झूठ  बिन सच नहीं 
कमल बिन कीचड़ नहीं , स्त्री बिन पुरूष नहीं 
पतझड़ बिन वसंत नहीं , बरखा बिन सावन नहीं 
खुशी बिन गुन नहीं, बीमार बिन दवा नहीं 
राही बिन  पथ नहीं , पथ बिन यात्रा नहीं 
 चोला  बदल कर नए भेष में आना है जाना है 
यहे जीवन तो अंतहीन यात्रा है ॥ 
 
 
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर लाजवाब रचना,।
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