खयालो में उन हँसी लम्हों का तराना था जिंदगी
क्या उन पलो का आशियाना था
हवा के झोको से सुर्ख होत्ते गालो का एक फ़साना था
गर्दिश की अनोखी दास्ताँ थी
प्यार से अंजाम के डर से प्यार की पहल नहीं होत्ती
प्यार के दिवानो का आलम न पूछिए ,
दरिया तक पर कर जाना आसान होत्ता है
प्यार की खुमारी में रात दिन नहीं होत्ते
सिर्फ़ इश्क की चार दिवारी होती है
जिसमें दीवानों की बारात होती है
यह देख उन पर तरस न खायी
यह तो उनकी मेहरबान तक़दीर होती है
जिसने यहे मंजर दिखाया
नहीं तो तक़दीर की नाफरमानि है
इनकी ख्वाबो की फेहरिस्त बहुत चोट्टी होती है
गुलाब से शरु होकर महबूबा पे ख़तम होती है
जान तो इनके लिए एक छोटी से चीज़ होती है
जो हथेली पर घूमते है कभी भी दे देते है
यहे अधूरी हो या पूरी यह किस्मत की बात है
लेकिन पूरी होंने पर प्यार न करने की सलाह होत्ती है
अधूरी रहने पर प्यार की दास्ताँ लिखी होत्ती है ।
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