रविवार, 28 अगस्त 2011

काश !!में पक्षी बन जाती


















काश !!में पक्षी बन जाती
डाल डाल  पर बेठा गाती
सबको अपनी आवाज़ सुनाती 
सुन्दर  सा घोसला बनती 
कभी नीले नीले आकाश में उड़कर 
कभी बगीचे में उतर कर 
कभी पेड़ पर बठे कर इठलाती मचलती 
न होती कोई बंदिश न स्कूल न पढाई 
सारे दिन बस मस्ती छाई 
इस पेड़ से उस पेड़ इस डाल से उस डाल 
हवा के साथ बदलती चाल
सोच रही हु सपना न होके सच हो जाता 
काश !! में पक्षी बन जाती 
 

शनिवार, 27 अगस्त 2011

क्या लिखू

लेखन की धर चली गयी ,प्यार की बयार खो गयी
 जिंदगी  एक  routine की मोहताज हो गयी 
 अरमानो की टोकरी कोने में रखी मुह चिढाती  है 
काम की फहरिस्त उतनी ही रोज़ मिल जाती है
 अपना शरीर उठाना भी काम लगता है
तन से नहीं मन से हारी है वो
मन की व्याधि इतनी बड़ी होगी 
कौन कभी समझ पाया ?
हर बात की गहरिये नहीं आकी
हर छुट्टी को कुछ नए की आस करती वो
सोमवार तक बुझात्ति आग सी वो...
काम के बोझ से नहीं अपनी उम्मीद से हरी वो
अपने अरमानो को कभी चुपके से झांकती वो
लुकाछिपी की दौड़ में छिपी आगे निकल जाती
अरमानो की टोकरी फिर वही रह जाती







बुधवार, 24 अगस्त 2011

जितना मैंने पढ़ा और समझा

एक ज़मीन अपनी - चित्रा मुदगल -यह बहुत रोचक और एड्वेर्तिसिंग आधारित बहुत रोचक उपन्यास है । इसकी संरचना बहुत कुशल है । इसमे किस तरह एक लड़की अंकिता अपनी साख को बनते हुए सफल होती है और अपनी सहेली कविता को अच्छे मार्ग के सलाह देती है । जो भी तंग करता है या उस का मजाक उडाता है उसे बिना बोले अपना काम करके साबित करती है सच्चाई और ईमानदारी की ताकत को । प्रेरणादायक ।

एक गधे की आत्मकथा -कृष्ण चन्द्र - यहे बहुत ही करार व्यंग है जिसमे अगर जन पहचान हो तो गधा कुछ भी कर सकता है ।

शमशान चंपा -शिवानी जी -एक लड़की चंपा की कहानी जो डॉक्टर है और अपनी माँ की देखभाल करती है ,जो पति के जालसाजी का इल्जाम और मौत से दुखी है साथ ही चोट्टी बेटी जूही के मुस्लिम लड़के से विवाह की बदनामी से भी परेशां है ।चंपा उसे दुसरे शहर ले जाती है उसकी सगाई टूटने के बाद । फिर उसका मंगेतर उसको मिल जाता है जब वो एक कांफेरंस में जाने को होती है । बुआ भी एक अच्छा जोड़ा पात्र है जो ताने दे कर एक अलग एहसास दे जाती है । बहुत अच्छा उपन्यास है नारी के सुखद संघर्ष की एक और दास्ताँ ...एक बार में इस पढ़ा लिया बहुत बाँधता है शिवानी जी का लेखन ।


अंक ज्योतिष ,भाग्य ,बुद्धि और bhagwan - विद्यावाचस्पति रामगोपाल जाखोटिया -ज़रूर पढ़ा जाने वाल लेखन ,जो बातें हम अपने दिल की कोने में सोचते है उसको बहुत खूबसूरती के साथ लिखा गया है। सदा हुआ लेखन इसे हर २-४ महीने में ज़रूर पढ़ना चाहयिए ॥यदि हम कोई एसा काम करना कहते है जो हमारे दिल की गहरायिओं में छुपा रहता है । यहे एक प्रेरणा है सार्थक जीवन जीने की और कुछ अनकहे ,अनचाहिए बातो की लिए ।

चाबी बंद संदूक - आशा पूर्ण देवी -दो ४०-५० साल के लोग अपने पुस्तानी माकन में आकर अपनी समृति में खो जाते है और एक एक कोने को याद कर सोचते है की कैसा था सब, जब वो छोटे थे । माँ उनके दादाजी का रिश्ता आर भी बहुत कुछ .....


मारा हुआ सच - न.अखिलेश - सत्यवान की कहानी और उसका गाँव झुनिया की मौत और बाद में मिसेस कामत बन कर आना । उसका गंगा के प्यार को भाई बहिन के प्यार समझना और उसकी माँ का दुसरे लोगो के साथ जाना । माँ की मौत के बाद बॉम्बे भाग जाना वह फ़रीना से मिलना ......बॉस और झुनिया । बहुत अच्छा उपन्यास ॥नारी को समझना और उसके कई रंग लिए है यह उपन्यास ।


गुलबदन -ताराशंकर बन्धोपद्याया - अनुवाद()शकाकर्बाई ) -

तथापि - प्रमोद त्रिवेदी - यह एसा उपन्यास है जिसमे दो जगह और उन से जुडाव के बारे में है पर में इससे पढ़ा कर अपने को जोड़ा नहीं पाई । पूरा नहीं कर पाई ............


दर्द की घाटियाँ - माया प्रधान - नील आर अम्बर भाई ...अम्बर जेल गया था क्योंकि उसने माँ के इज्ज़त लुटने वाले गुनीराम को मर दिया था । नील को प्यार था बिंदिया और उसकी बुआ पसंद करती थी अम्बर को ..मुस्ताक चाचा से अम्बर हर बात करता था ॥ ज़मीदार अपना अपना चलता था .......
काफी अच्छे से बुना गया उपन्यास है एक बार में पड़ने को जी कर गया सो पढ़ा लिया ।

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

छेदी राम का सबक

मेरा है बड़ा सा माकन 
उसमे रहता छेदी राम 
मोटा सा है उसका पेट 
सीट पर रहता हमेशा लेट 
उसकी है परचुने के दुकान 
मिलावट   है उसक काम 
बहुत समझया कुछ समझ में न आया 
एक तरकीब मन में बनायीं 
उसकी बीवी को साथ मिलाया 
जान बुझ कर घर में सबको बीमार पडाया
अस्पताल का बिल देख कर  पसीना आया 
खयी कसम कभी न करगा एसा करम 
हम सबको संतोष आया 
जब प्लान सफल होते आया /

रविवार, 14 अगस्त 2011

देश में न सही पर दुनिया में है

देश में न सही पर दुनिया में है 
 हमेशा दिल में चाहत जगता 
 वतन की मिटटी की याद दिलाता 
 दूर तो बहुत है  पर मन से नहीं 
आज भी अपना झंडा देख कर 
याद आ ही जाती है
  बचपन में  १५ अगस्त को लड्डू के किये जाते थे स्कूल 
  उससे कितना याद  करते है कसे कहें 
 आज भी राष्टीय गन सुन कर खड़े हो जाता है 
 देश से दूर रहकर देश के बारे में कुछ कर नहीं  पाते
 अपने बच्चो  को उसके बारे में बताते ज़रूर है 
 इस बहने हम भी यादों के झरोखे से कुछ पल चुरा लाते है
 खामियां तोह हर जगह होती है बस देश तो देश है
 अपना देश कुछ खास है ....महकता रहे देश हमारा 
चहकता रहे देश हमारा "पर" तोह हमारे देश  की भाषा में आ ही जाता है...............


स्वतंत्रा दिवस की हार्दिक शुभ्कम्नायिए

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

Vimal Mitra





विमल मित्र --बेहद संवेदनशील लेखक ......मैंने उनके निम्लिखित उपन्यास ,कहानी ,संस्मरण पढ़े और में बहुत खुश हु .....नारी की इनती अच्छी और गहरी परिभाषा से में अभिभूत हु ..कोई मर्द इतना अच्छे और बारीकी से औरत की विचारो की विवेचना कर सकताहै  .................... 


  • गवाह   नंबर  3-- सरयू निशिकांत ,श्रीकांत .जब वह खून कर देता है जिरह से पाता चलता है वह उसका देवर है 
  • सन्यासी -दिव्येंदु की सन्यास तक सत्य नन्द महाराज और चत्रागढ़ के कहानी /
  • परस्त्री - सुललित,आरती और मदुर गांगुली की कहानी
  • आज कल परसों - सुशांत ,पर्वी और लेखक इनका धोखा और गुमनामी /
  • काजल(हिंदी हिट फ्लिम ) - क़ज़ा दी ,अचरिया मुखर्जी इनके बीच का शक
  • सब जूठ है - सोहम जीवन गाथा अपनी पत्नी के मदद से ऊँचे पद पे आ जाता है पर उसकी बची शम्पा और पति खो जाता है /
  • गाडीत  जिंदगी का - तीन मंजिला मकान और तीन परिवार उनकी लड़ाई
  • कगार और फिसलन इन्दुलेखा ,अटलदा और कुंती की कहानी ..अटलदा जसे मेहनती इन्सान की ज़िन्दगी
  • बहरूपिया -अलग अलग कहानियां
  • भगवन रो रहा है -देवव्रत, मिनती
  • रंग बिरंगी दुनिया
  • अनेकरूप
  • पैसा परमेश्वर है
  • चौराहा
  • दायरे के बहार
  • यह नरदेह
  • बेगम मेरा विश्वास
  • मुझे याद है - मिस हुबलिकर कपूरचंद ने नौकरी दिलाई मिन्टन पर सदानंद पुल्स्कर और प्रेमपत्र
  • आखरी पन्ने पर देखिये -आमिर था सब सम्पति एक अंधी लड़की को सारी सम्पति देता है
  • फिर एक दिन -अलग अलग कहानियां
  • चलते चलते -mauritius ट्रिप
  • सुरसतिया - छतीसगढ़ जहाँ के लोग परा नमक रोग से पीड़ित रहते है ..छ्दुम पटेल और उसकी पत्नी  को यह रोग है वो तड़प तड़प कर मरती है ..
  • गुलजारी बाई - नवाब की बिल्ली १८ सदी की  उस बिल्ली से प्रेम और नै और मुमताज़ के कहानी
  • साहब बीवी और गुलाम (ही फिल्म )-
  • सही पते पर -- आज भी सुरपति राइ अपने को अमीरों में गिनते है .अपनी
  • न्याय अन्याय -केशव  बाबु की पत्नी न्र मकान बनवा कर मर गयी भाई वासु आवारा बाद में बड़ा आदमी बन गया / बेटी निर्मला पति काशीनाथ रह वो रहने लगे


रविवार, 7 अगस्त 2011

Freindship ...I am sailing and going so far...with lots of sweet memoriess

My best friend I have so many friends but my best friend is my mom my brother and sister and many more .
My first friend is my parents they give me the precious gift any parent can give that is the time and involvement I am so happy and lucky .They sit back and tell my childhood stories my naughtiness my pronunciation ....(pajam into jamana)....much more ........
...then I was introduce to my sister I was so happy to see her Still remember the day when the nurse gave her in my hands ..........I was so happy and still making the happiness of life close to me .............then I got my brother I feed him ceralac .......still remember it those cute and sweet friends...........
My cousins Surabhi a hard core buddy .awesome person... we had fight of life and friends forever.. Shruti, romil, pranshu, rohan, Krati, tanu di, babo and our all chacha, mama ji, tauji all  our friends 
here was a girl called Kavita our maids daughter she was my friend..I use to play with her then shilpi di principal's daughter then   Archana (school peon daughter )..School friends many some family fiends like garima ,Aprita, Asha, sudhir, shalini di ......we  play and have fun to be treasured .......... learn a big lesson of mankind my parents never stop me from playing anyone in limit ...........I am a fight free child 
We moved to a new place I got admission then I have just my classmates(like Payal, Pratibha, ) as  my friend no other except some family friends like Sonal,Ankita ...
I after school I got more friends like Preeti ,Sonia and few they are just there for some time I met with a new circle like Amita,Monika, Tina, Swati, Garima, ...Shalini And much more. My time spend like this and I got the graduation done .
I started working and my life turned into a new way... Being school teacher I met with the memorable students till in my memories  ...Teaching is my blood....... but I never knew by just giving education I get o much love in return till date I still remember my class 4 c now they passed school the best students ever and  still remember the order I call them for attendance ..they are my friends buddies and promoters..My tuition kids are my buddies when there mommies come to me for requesting there every possible things and they share there heart with me ..........they have given me so many things I can't express in words .....I found my self lucky .........
My colleagues few of them like Richa, ketki, amita kiran turn into life long friends .... 

I got married and got new friend ..my Husband and a buddy in making --My son ....
I got new friends too because of my DH and son Like Tanvi,Garima, Poonam, Sapna, Savitha, Priya, Khushi, ....many more ...
I never knew life is like this ..............you move on your friends will follow you ..even I have some good links with my friend's friend or sister's friend ................
May be I forgot to wish you..... but you all are there always ...close to heart and remember you may be ... forgot to tell you ........but just give a message you find me near you ....Thanks from the bottom of my heart to be my friend ..............
Cheers to there  friendship Forever..............Love you all ..