देश में न सही पर दुनिया में है
हमेशा दिल में चाहत जगता
वतन की मिटटी की याद दिलाता
दूर तो बहुत है पर मन से नहीं
आज भी अपना झंडा देख कर
याद आ ही जाती है
बचपन में १५ अगस्त को लड्डू के किये जाते थे स्कूल
उससे कितना याद करते है कसे कहें
आज भी राष्टीय गन सुन कर खड़े हो जाता है
देश से दूर रहकर देश के बारे में कुछ कर नहीं पाते
अपने बच्चो को उसके बारे में बताते ज़रूर है
इस बहने हम भी यादों के झरोखे से कुछ पल चुरा लाते है
खामियां तोह हर जगह होती है बस देश तो देश है
अपना देश कुछ खास है ....महकता रहे देश हमारा
चहकता रहे देश हमारा "पर" तोह हमारे देश की भाषा में आ ही जाता है...............
स्वतंत्रा दिवस की हार्दिक शुभ्कम्नायिए