बहुत देखी है खूबसूरती की मिसाल
मन भी गोरा तन भी गोरा
पर रूप ही क्यों है इसकी परिभाषा
नयन नक्श देखो तो मोह लेती है मोहिनी भी
कायदा और सलीका देख बहुत से लोगो को आबाद और बर्बाद किया है
किसी एक - में सब कुछ एसा विरले ही होते है
कभी खुबसूरत निराले लोग भी होते है
दिल से छली हो जाते है हुस्न देख कर
मन को मर उठे है अपनी सूरत देख कर
दिल तोह मानता नहीं जाबांज बन बैठते है
इश्क के चक्कर में ड़ाल कर उन का दीदार भी कर ही लेते है
कोई गम नहीं इश्क तो हर जवानी की आबरू होता है
सर का ताज होता है
कभी लड़के की खूबसरती को दाद मिलती है - कभी लड़की को
दोनों को साथ हो ऐसा तो कहानियों में होता है
दोनों अगर हो भी बड़ा दाग भी होता है
....वसे तो चाँद भी कहँ साफ़ है
प्रकृति ने सुन्दरता में दाग दिया है
कभी वो दाग सुन्दरता बढा देता है कभी वो घटा देता है
नजरिया तो हमारा ही होता है ......
कवि की कविता की शोभा है - यह सुन्दरता
रचना की सार्थकता है - सुन्दरता
मन को छु लेने का भाव - सुन्दरता
और भी रूप है सुन्दरता के
हर पडवा पे मिल ही जाती है.........
बचपन में अठखेली के रूप में
जवानी में साथी के रूप में
जवानी में साथी के रूप में
बुदापे में सादगी और के रूप में
नज़र तो बदलती रहती ही है
सुन्दरता के भाव नहीं बदलते
जवानी के दोस्त बुद्पे तक उतने ही अज़ीज़ लगते है
तखत और ताज इस हुस्न के पीछे लूटे है
कई द्रौपदी भी बनी है पर मीरा और राधा भी इसी खूबसरती की मूरत थी
बहुत सी परिभाषा दी गयी सुन्दरता को
आगे क्या है ? कौन बताईगा ....कल का क्या होगा
आगे क्या है ? कौन बताईगा ....कल का क्या होगा
क्या कोई सही समझ पायेगा ........
...या सिर्फ एक सबसे अच्छा सवांद का मुद्दा रहेगा .........
5 टिप्पणियां:
रितू जी, वाकई बहुत प्यारी परिभाषा है।
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सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।
बदल दीजिए प्रेम की परिभाषा...
Beautifully said Ritu..
Shukriya Jhakir and Ankit ji
Dhanywad ....aate rahiyega
Dhanywad ....
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