क्या सच में हम नारी को वो दिन दे पाए है ?
क्या एक नारी ही नारी को सम्मान दे पाई है ?
आज भी क्या सास --बहु बेटी को एक मन पाई है
क्या बेटी होके सब अपना पाते है
क्या बेटे के खामियों को बहु की कमी बातने से रोक पाते है
क्या दिल से दहेज नहीं चाहते है ?
क्या जायदा पढ़ी बीवी जायदा कमीने वाली बीवी को अपना पाते है ?
क्या बेटा बेटी को एक दर्जा दे पाते है ?
क्या बीवी को पार्लर भेज कर बच्चा संभल सकते है ?
बीवी को खाना दे सकते बिना वजह के ?
क्या किसी लड़की को अच्छे से निकलने दे सकते है
क्यों लड़के लड़की का दिन की ज़रूरत है ...जो एक नहीं है अलग अलग है इनके परिवेश ..............
जो अच्छे थे वो हमेशा थे ..पर मज़ा तब है जब कोई भी इनके उतर न ढूंढे ............
बहुत सी जगह नारी भी गलत होती है पर व्हो कही का गुस्सा किसी पे होता है
अपना घर कोई नहीं बिगड़ना चाहता ..ताली दोनों हाथों से बजती है .........सबका प्यार पाना चाहते है
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