अब सपने पूरे नहीं होंगे इसका एहसास है
जब बुनने का मतलब ही नहीं था
क्यों उनकी याद इतना सताती है ..?
जब कुछ मायने नहीं थे क्यों बुन जाते है यह सपने
आँखों के नीर को बहाना मिल जाता है
दिल को टूटने का एहसास होता है
हर एक जवानी की साथ यह नइंसाफी होती है
बिखरे दिलो के टुकड़े ढूंढे केलिए कई दिल उठने व्वाले मिल जाते है
पर कुछ टुकड़े चुभ ही जाते है
बेमेल टुकड़े भी मिलकर नया आशियाना बना ही लेते है
कभी अच्छे के लिए कभी बुरे के लिए
मिल जाते है
जोड़ी तो ऊपर से भी बनायी जाती है
कोई अपनी बीच में लगये तो क्या करे ......
छोटा सा सपना था बिखर गया
छोटे टुकड़े रह गए सपनो को
अर्थी तो खुद दी थी उन सपनो जब बुनने का मतलब ही नहीं था
क्यों उनकी याद इतना सताती है ..?
जब कुछ मायने नहीं थे क्यों बुन जाते है यह सपने
आँखों के नीर को बहाना मिल जाता है
दिल को टूटने का एहसास होता है
हर एक जवानी की साथ यह नइंसाफी होती है
बिखरे दिलो के टुकड़े ढूंढे केलिए कई दिल उठने व्वाले मिल जाते है
पर कुछ टुकड़े चुभ ही जाते है
बेमेल टुकड़े भी मिलकर नया आशियाना बना ही लेते है
कभी अच्छे के लिए कभी बुरे के लिए
मिल जाते है
जोड़ी तो ऊपर से भी बनायी जाती है
कोई अपनी बीच में लगये तो क्या करे ......
6 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर भावों को अपने में समेटे कविता....शानदार
अच्छी प्रस्तुति ....
चोट्टे की जगह छोटे कर लीजिए ..टाइपिंग मिस्टेक है ..
Sangeeta ji ana ji and yashwant ji baht bahut dhyanwaad ......meine comment verificaition hata diya hai ....choota kar diya truti ke liye shama ..........behad accha manch hai appka
I did it ...thanks for visiting the page
dhanywad ...
dhanyawad
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