सुन्दर -मन के विचार तन का आचार
संतुलित आँखों की हया ज़बा से बाया
पाककला में महारत ,गृहकार्य में पारंगत
पढाई में अववल नौकरी में शगल
चरित्र धवल ,घर का रुतबा
घमंड ,फैशन ,खर्चे से दूर
ऐसी लड़की की तलाश है
मिल जाये तो बस एक और आस है
मुझसे कभी न पूछे आप किस लायक है
मुझे बिन किसी प्रश्न के कुबूल करे
एए खुदा मेरी यह अर्जी मंज़ूर कर .
संतुलित आँखों की हया ज़बा से बाया
पाककला में महारत ,गृहकार्य में पारंगत
पढाई में अववल नौकरी में शगल
चरित्र धवल ,घर का रुतबा
घमंड ,फैशन ,खर्चे से दूर
ऐसी लड़की की तलाश है
मिल जाये तो बस एक और आस है
मुझसे कभी न पूछे आप किस लायक है
मुझे बिन किसी प्रश्न के कुबूल करे
एए खुदा मेरी यह अर्जी मंज़ूर कर .
10 टिप्पणियां:
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ---फिर भी ऐसा चाहने वालों को मेरी शुभकामनाएं .
बहुत ही बेहतरीन कटाक्ष किया है आपने उन सब पर जोकि ख़ुदको कभी नहीं देखते हैं लेकिन, दूसरे में सब कुछ चाहते हैं।
ऐसी सोच और मानसिकता पर सटीक प्रहार और आइना दिखाता हुआ
"गोरी "लिखना भूल गयी शायद !
फेयर एंड लवली का इस देश में टर्न ओवर करोडो का है
Ekdam sateek vyangy kasa hai aapne....Bahut hi sundar rachna...
सटीक
कभी कभी युवा दिलो की चाहत एसई ही होती है ..हा हा
और ऐसी लड़की मिल जाए तो।
मिल ही जाएगी भगवान करें नये साल में आपकी यह इच्छा पूरी हो जाय..
बिल्कुल सटीक पंक्तियां हैं - 'वधू चाहिए' वैवाहिक विज्ञापन स्तंभ के लिए ।
अति सुंदर ।
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बेहतरीन, गहरी मार करता कटाक्ष।
आभार!
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