क्यों कोई किसी की उपेक्षा का शिकार होता है ?क्यों इतने मबुत रिश्ते की नीव हिल जाती है ? क्यों सच्चे प्यार को एक इम्तहान देना होता है ?क्यों आत ही क्यों है इन रिश्तों में.........इस "क्यों" को हर जगह देखना इतना आम हो गया है ....? हम किस ख़ुशी को पाने की लिए अपने अस्तित्व को खतरे में डाल रहे है ........
उस उपेक्षा की परिभाषा को कैसे समझू कसी
किसी के अस्तित्व को सहलाऊ बहुत से लिबास है
बहुत सी आस है एक कोटे पे लिखी दास्ताँ है
हम याद करते है जो पल हमारे थे
आज से पहले सब कुछ अच्छा था
कसे यह समझू तुम्हे जो कभी मेरे थे
आज किसी और के हो
इस टीस को कहाँ छिपाऊ
कभी हम आपके विश्वास के पात्र थे
आज आपकी की नज़र के तलबगार है
क्यों कसे इस मोड़ पे आ गया जीवन नहीं समझ पा रहे है
क्या हम कमज़ोर थे या प्यार में लबरेज़ थे
आपकी आह!! को क्यों नहीं पढ़ पाए .
मेरी इस उम्र के लिए आपकी यादें काफी है ...
आपके इंतज़ार में पलके र हमेशा बिच्छी रहेंगी ...
उस उपेक्षा की परिभाषा को कैसे समझू कसी
किसी के अस्तित्व को सहलाऊ बहुत से लिबास है
बहुत सी आस है एक कोटे पे लिखी दास्ताँ है
हम याद करते है जो पल हमारे थे
आज से पहले सब कुछ अच्छा था
कसे यह समझू तुम्हे जो कभी मेरे थे
आज किसी और के हो
इस टीस को कहाँ छिपाऊ
कभी हम आपके विश्वास के पात्र थे
आज आपकी की नज़र के तलबगार है
क्यों कसे इस मोड़ पे आ गया जीवन नहीं समझ पा रहे है
क्या हम कमज़ोर थे या प्यार में लबरेज़ थे
आपकी आह!! को क्यों नहीं पढ़ पाए .
मेरी इस उम्र के लिए आपकी यादें काफी है ...
आपके इंतज़ार में पलके र हमेशा बिच्छी रहेंगी ...