मंगलवार, 25 अगस्त 2009

तुम ..सिर्फ़ तुम

हर वक्त मेरे साथ रहते हो
हर लम्हा हर पल एक नया एहसास देते हो
मेरे खयालो की परछायी बन जाते हो
आँखों में तुम्हारा अक्स दिखता है
बातो में तुम्हारा असर होता है
हर काम में मेरा ख्याल बन जाते हो
आंसू गिरने से पहले उठा लेते हो
सपनो को हकीकत बना देते हो
सब कुछ खूबसूरत बना देते हो
तुम्हारी सोच से महकता यह मन
अक्स की जगह जो तस्वीर बने हो
शिदत से जो इंतज़ार था उसको सफल किया है
मेरी सुनी आँखों की चमक बन गए हो
ज़िन्दगी की रौशनी बन गए हो
और क्या कहू हमेशा इसे ही रहना
मेरी कविता की प्रेरणा बन गए हो ।

8 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन

श्यामल सुमन ने कहा…

है कविता की प्रेरणा कहे ऋतु वो खास।
भाव समर्पण का लिए सुन्दर है एहसास।।

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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आँखों में तुम्हारा अक्स दिखता है
बातो में तुम्हारा असर होता है

बहुत बढ़िया लिखा है।
बधाई!

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है।
बधाई!

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत खूब ...अच्छा रचना है...
नीरज

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना बधाई

एक स्वतन्त्र नागरिक ने कहा…

सदैव की तरह कोमल भावनाओं का निरूपण कुशलता से किया गया है. सुन्दर रचना.

Ritu ने कहा…

App sabka tahe dil se shukriya :)