गुरुवार, 15 नवंबर 2012

अभी

रितिका  ..अभी का फ़ोन है 
इस वक्त  ..?
हेल्लो अभी ........क्या ..
हेल्लो
क्या कॉलेज  नहीं गए ...अभी तक 
..नहीं ....गया था ......आ गया
आवाज़ इतनी बुझी बुझी क्यों है.......की परेशानी टी नहीं
हां रीती , में पागल हो गया हु 
क्यों इसमें नयी बात क्या है...?
में पढाई  पे नहीं ध्यान नहीं दे पा रहा हु
पर क्यों ? देखो तुम्हारा MBA का आखिरी साल है परसेंट कम  नहीं होनी चाहिए है 
जानता  हु ?
फिर भी .........में तुमसे मिलना चाहती हु
अभी फिर वही बात होगी ..मेरा जवाब वोही होगा तुम क्यों अपने आप को परेशां करते हो.........
रीती प्लीस  एक बार ......
ठीक है... शाम को घर आ जाओ 
बाय 
बाय
क्या हुआ रीती...?वोही नाटक  ...................सब दौराहेयिंगे 
पर हाँ कह दे .............
पर  मीता  मेरा रिसर्च  आधा रह जायेगा 
क्यों ..?उसको एतराज़  है
नहीं
फिर.......?
पता  नहीं...
पसंद करती है न 
सारी दुनिया को पसंद करती हु.............
अच्छा प्यार करती है..............
शायद ....अच्छा लगता है टाइम बीतना ......................पर वो वैसा तो नहीं होगा..............जैसा अभी है............
वो तो किसी  के लिए एसा ही  होगा ..........................
मुझे  अभी से सुरुचि ने मिलवाया था..................
वो पहले सुरुचि सुरुचि करता था अब ..................
इसमें तेरी कोई गलती नहीं है
क्या पता  कल कोई मिले और .............
इसलिए रिसर्च  ख़तम हो जाये ...फिर जायदा .............
बात तो सही है.................४-५ महीने में फ्री हो जाएगी ...फिर असं होगा.................हम काफी समझदार हो गयी हो
में कोई एसा फैसला नहीं कर सकती .....वो मेरी रिश्तेदार है ...और एक उम्र  के तो आपस में कोमप्रिसों तो
होगा ही...............वसे भी हम साथ नहीं रही तो वो बुरा मान गयी है..................ढाई साल की बात थी ...कसे हाँ करती.............
हे कसे गुजर गए यह साल पाता ही नहीं चला .......
कितना कुछ  सिखा रीती थे कोउन्सेल्लोर से............क्या कैसे कितनी बात करनी है...................पैसा का हिसाब  मुनीम रही होगी .................
अरे .....लड़की और पैसा लड़ाई के दो ही कारण  होते है
कमाल है आप रीती जी .....................
अच्छा इतना  मक्कन क्यों.................?
 पूरे घर छिप कर अपना खर्चा  उठाना कोई असं काम नहीं है..................जो जीवन में सफल होते है ज़रूरी नहीं वो गृहस्थी ..में भी 
पर आप होगी....
अच्छा जी.................वो तो................
अभी जी ..........आ गए खोलिए ..............
अभी ...तुम एक घंटा पहेले आ गए
हां बठो में काफी बना कर लाती हु.......................
हाँ लो भाई ..........काफी... अच्छा में रूम से बाहर
नहीं मीता... एसा नहीं वसे भी रीती तुम्हे बता देगी सब 
तुम बातें करो में अपना presentation पूरा करने जा रही .हु.............
काफी तो पी लो 
वही  पी लुंगी .
हाँ अभी बोलो ............
देखो रीती में सब समझ रहा हु .....पर तुम नहीं समझ रही .............
अच्छा ठीक है में सब समझ रही ही बस समय की नजाकत को समझो
नहीं में अब हर तरह से तैयार हु और तुम भी बस .........
अच्छा ठीक है ......