रविवार, 24 जुलाई 2011

आशापूर्ण देवी

मेरे जीवन में उपन्यास की शरुवत इन्ही  से हुई थी ....और अब मेरी अंतिम सास की साथ ही बंद होगी ..आशापूर्ण देवी .उपन्यास से जायद मेरे आँखों चलते चलचित्र की तरह मन में उतारते  हर एक भावना .....मुझे अन्दर तक महसूस होती है ..उनकी कलम का जादू है जो में आने अन्दर तक महसूस कर पाती हु ......."कृष्ण   चुडा का व्रक्ष" मेरा पहला उपन्यास ........मेरे जीवन में एक नया अध्याय ...मेरी एक ओर चाहत को मुझसे मिलवाने वाला उपन्यास .........मैंने जितने भी मुझे मिल सके उतने सब पड़ने की कोशिश की सभी हिंदी में पढ़े है इसलिए उनके सहयोगियों को भी शत शत नमन ...!!


अभिनन्दन
कृष्ण   चुडा का व्रक्ष
शायद सब ठीक है
राज कन्या
उदास मन   - हेमावती ,निशीथ उनकी ज़िन्दगी
मुखर रात्रि -- माँ ,तीन बेटी और माँ का अताम्हात्य करना
चतुस पर्ण --निखिलेंद्र भंज चौधरी
सागर तनया - शक, सोना और बड़े आदमी से शादी
पंछी उड़ा आकाश - भुतह घर
अनोखा प्यार सुखन ,नानी और राजेन / जगु की चाय की दुकान
खरीदा हुआ दुःख - पिउश अपने बचो की मांग के लिए विदेश में पिस्ता हुआ
अपनी कीमत -
अमर प्रेम - सुलता और शशांक की गृहस्थी उजाड़ी
नागफास थुम्पा ,माँ और चिनंदा दोस्त और निखिल डा
प्यार का चेहरा - सागर उनकी माँ भाई और सहेली
अनामिका
अवेध
वेग्वात्ति
नायक नायिका तीन
दुसहसिका
अविनश्वर
विजयी वसंत
जब प्रकाश न हो
अधूरे सपने
न जाने कहँ कहँ --
संघर्ष   छवि ,माँ ,सुरमा और इनका generation गप
काल का प्रहार  कलकाता कल आज और तब
तुलसी राजेन,सूखने नानी दुकान
लीला चिरंतन
अक्षम्य अपराध पिता का सन्यास -- तनुश्री -फ्लिमो में काम --मंत्र शक्ति - सोमा सौरल और दादी
दरबार वो नहीं
मुक्ति  मिली
शतरंज की मोहरे
चारुशीला
स्वर्ग के खरीदार
नेपथ्य संगीत
एक पेहली
मके आप
खंडर
लेखा जोखा
चेत की दोपहर  में

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