सोमवार, 18 जुलाई 2011

परख

जीवन के स्मृति पन्नो को पलते हुए आज सुरेख अजीब  दुनियां में खो  रही थी
कम बोलना अंतर्मुखी उसका स्वाभाव ही तो था अपने छोटे से कमरे में आ कर बस अपने से बहस कर अच्छा महसूस करती थी........ अपने भावों को खुरेदते ........खुद को खोजती थी ....उस रोज़ कुछ एसा नहीं हुआ था जसा उसने अपना रूप दिखया..... वो खुद हेरान थी उकी उदासी उसके मन में घर करती जा रही थी पाता नहीं क्या था .....वो परेशां थी खुद में खोयी....
सुनीति जब उससे मिलने आई तो उससे शर्म आ रही थी ,अपना घर दिखने में सब कुछ  था बस घर  गली में था साडी  सुख सुविधा इतना बड़ा ....फिर सब  सहेली का मुकाबला ...उसकी सहेली की सुन्दरता से कर रहे थे सारी सहेली होशियार....  सुन्दर पर यहे कोई परख के कसौटी  नहीं है.... खासतोर पे गोरा रंग ..
.शिखा से मुकाबला होता है..कैसा  तमाशा करके चली गयी ...याद नहीं पर उसमे तो वो इकहरे बदन से जलती थी
ख़ैर अम्मा बहस छोड़ो में सुरेख से बात करती हु
सुरेख क्या हुआ ?इतनी उदास क्यों है
कुछ नहीं दीदी..........
कुछ तो है बहाना ..अपनी दीदी को नहीं बतायागी ताउजी की लड़की हु इसीलिए न
नहीं दी..
सुनीति से लड़ाई हुई क्या ?
नहीं तो भगवान न करे एसा हो वो मेरी अच्छी दोस्त है
तो क्या बात है ?

दीदी को तो टल दिया पर बताती भी क्या सोचती  है ..दीदी ......क्या में कभी उससे लडूंगी ......?मानती हु सब सुन्दर  है पर में भी इतनी बुरी  नहीं ....जानती हु अच्छे लड़के सिर्फ सुन्दर लड़कियों को मिलते है ..
सुरेखा  चाय !!  क्या सोच रही है .इतनी गहरायी से ? कल अनूप आ रहा है .......
कौन अनूप दी ?
तेरे जीजू का दोस्त है
हम्म
किसी काम से ..........
वह बहुत स्मार्ट है पर में ........दीदी ने मुझे क्यों बताया .सब झूठी आस पे जी रहे है ?
....
सुरेखा ..इधा आ
हाँ दीदी ..
अनूप यह सुरेखा है  मेरी प्यारी  बहिन
नमस्ते.....
और सुरेखा यह है अनूप तेरे  जीजू के दोस्त
नमस्ते.......
और सब ठीक है अनूप
 जी भाभी...
तेयारी  गयी interview  की
चीनी ... कितनी ?..सुरेखा ने धीरे से पूछा
एक चमच
आप क्या कर रही है सुरेखा जी
एम् एस सी
अरे वह आगे क्या करेंगी
पी एः डी
जा सुरेखा तेरी रेकॉर्डिंग का टाइम हो गया
अच्छा दीदी में चलती हु
सुनीति ,आओ
अरे यहे कौन है दीदी
यह अनूप है तुम्हारे जीजू के दोस्त
हेल्लो , अनूप में सुनीति ...सुरेखा की दोस्त
अच्छा हम चलते है दीदी..
वह सुरेखा !अनूप तो बहुत मस्त है
हम्म अच्छे से मिल ले ......अपने ऊपर फ़िदा करा ले
वो तो मुझे देखकर हो जायेगा
हाँ यह तो है ..................
चल आज में तेरे साथ जाऊँगी
हाँ अच्छा है ....
अरे अनूप जी कसे है आप अच्छा हु
आपकी रेकॉर्डिंग बहुत अच्छी थी सुरेखा जी
जी धन्यवाद्
सुरेखा जी  बाथरूम बता दीजिये
जी
कैसी  चल रही है तैयारी
सुनीति अच्छी चल  रही  है  ..दीदी............दीदी यह आपका देवर हमे तो बहुत पसंद है
अच्छा .....सुरेख के लिए कैसा है
अरी दी ...............इतना मस्त मेरे लिए ठीक है ............
तुझे की कमी है लडको की
सो तो है दी ................पर मेरे दिल तो आ गया इन पर .......हाय !!!!!!!
सुनीति तू कितनी ...............
क्या कितनी दी से ........
नहीं तो तुझ से करू ..सती सावित्री बनी बेठी रहती है
...चल छोड़ो तुम दोनों शादी सब ऊपर वाले के  हिसाब  से  होती है .....
हाँ तो दीदी में उपर वाले की मदद कर रही थी ...............
चल कॉलेज फिर  लेट करेगी
हाँ चल भाई तेरे बिना मैडम क्लास नहीं लेगी

अनूप कैसे  लगी तुम्हे हमारी सुरेख ......हम शादी अच्छी करेंगे दान दहेज़
अरी भाभी आप भी ..........
शर्माओं मत जो मन को अच्छी  लगी हो बताना
वसे सुनीति भी हमारी ..बेटी जैसी  है दोनों अच्छी सहेली है तुम्हे जो पसंद हो बोल देना नहींतो  इनको बता देना
जसा तुम ठीक समझो .....हम तुमरे घर वालों से बात कर लेंगे
........जी भाभी  कल इन्तेर्विएव का पता चल जाये
अरे अनूप जी आप का तो हो जायेगा
धन्यवाद सुनीति जी.......पर नतीजा का इंतज़ार तो करना पड़ेगा ....
हम्म फिर आप हमे पार्टी देंगे
बिलकुल .........
अच्छा हम चलते है दी .......
अच्छा ..बाय सुरेख और दी खास बय आप को  अनूप जी
बाय ..
सुरेख जी एक बात बतयिए
जी
आप दोनों की दोस्ती कैसे  हुई ..?
मतलब ............
आप दोनों में ज़मीन असमान का अंतर है
............बस हो गयी .......
अरे यह सुनती ज़यादा है और वो बोलती ज़यादा है
दीदी ...........
क्या ..गलत बोल क्या ............
चलो खाना खाते  है ..............
भाभी सुरेख जी क्या उझे पुरे जीवन सुन पाएंगी .....................
वाह वाह       !!!



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