मंगलवार, 18 अगस्त 2009

मेरे जीवन साथी

तेरे लिए तेरे संग
हरदम रहूंगी सजन
चाहिए गम हो या खुशी
तेरे बिन वो सदा अधूरी ।


मेरे घर की रोशनी  तुम
मेरे मन की शक्ति तुम
प्यार की इस आस्था से सजी
मेरी बगिया हो ।


तू ही मेरी ताकत
तू ही मेरी पहचान
इतना अटूट यह नाता हो ।


शक शुबह की जगह नहीं
प्यार की मूरत हो
सच्चाई विश्वास की नींव से
बना मेरा मधुबन हो।


खुशियाँ यह प्यार से
आदर जहाँ संस्कार  में
साथ हमारा सदा रहे
कभी न चटके यह आधार।


छोटी  सी पहेली यह ज़िन्दगी
कर दी तुम्हारे हवाले साथी
साथी ओ मेरे जीवन साथी ।

1 टिप्पणी:

एक स्वतन्त्र नागरिक ने कहा…

इतना समर्पण जिसको मिले वो तो अवश्य ही सौभाग्यशाली होगा. जिन शब्दों में भावनाओं को पिरोया गया है उनकी महक लाजवाब है.