सोमवार, 31 अगस्त 2009

जीवन वरदान है

आज नहीं तो कल सबको जाना है
जीवन चक्र को निभाना है
खाली हाथ आना और जाना है
खुशियों को गम से क्यों दबायेंगे
कल की चिंता में आज भी गवाएंगे
कल को आज होना ही है
समय चक्र को चलना है
शरीर ख़राब नहीं मन में व्याधि है
सच है जीवन एक पहेली है
जो जीवट है वो खुश है
जहाँ दुःख है वो मरघट है
किस्मत को रोना बस खोना ही खोना है
असफलताओ पे रोना नहीं उससे सीखना है
रोते हुए आना और हस्ते हुए जाना है
पाप पुण्य झमेला है
जो पाया वोही खोना है
आज कल की तस्वीर है
कुछ भी करो समय को नहीं रोक पाओगे
लिखा है तो होना ही है
क्यों मर्त्यु की दरख्वास्त है
जबकि जीवन ही वरदान है ।

3 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

कहा आपने ठीक ही जीवन है वरदान।
जी पाये जो ठीक से होता बहुत महान।।

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर भाव!

सुशील छौक्कर ने कहा…

एक सच्ची और गहरी बात को सुन्दर शब्दों से कह दिया।