बुधवार, 15 जुलाई 2009

पति पत्नी

एक पति ---काश एसा न हो
1। अपने हिसाब से मुझे बदलना क्यों चाहती हो तुम? मैं डार्क ब्ल्यू ट्राउजर के साथ क्रीम कलर की शर्ट पहनना चाहूं तो क्यों अड जाती हो कि लाइट ब्ल्यू शर्ट ही पहनूं? साथ में आरोप कि मुझमें तो कलर सेंस है ही नहीं?
2. टीवी पर क्रिकेट चल रहा हो तो साक्षात यमलोक की दूत बन जाती हो। जब-तब आंखें तरेरकर यूं जताती हो, जैसे मैंने गुनाह कर दिया हो। तुम्हारे सास-बहू वाले सीरियल देखने पर मैंने कभी एतराज किया क्या?
3. मेरी मां आएं तो तुम्हारे चेहरे से इतनी बेचारगी झलकती है मानो दुखों का पहाड टूट पडा हो। तुम्हारी मां आ जाएं तो खुशी रोके नहीं रुकती। मैं ही घर में मेहमान बन जाता हूं।
4. करवाचौथ का व्रत क्या रखती हो, साल भर उसी का ताना देती रहती हो। मैं जो खाना समय पर न बनने, जल जाने के कारण रोज दफ्तर भूखा जाता हूं, उसकी कोई परवाह नहीं!
5. टीवी वाली कुसुम या कुमकुम ही तुम्हारी आइडियल हैं। उनकी जैसी साडी या ज्यूलरी ही चाहिए तुम्हें। फैशन पर तुम्हारी डिक्शनरी फादर कामिल बुल्के को भी मात कर दे। शुक्र है खुदा का कि लेटेस्ट स्टाइल का पति नहीं चाहिए तुम्हें, वर्ना..।
6. सुबह मेरे अखबार पढने पर कितना नाक-भौं सिकोडती हो। चाय की प्याली ऐसे देती हो गोया एहसान कर रही हो। दोबारा चाय मांगने की हिमाकत तो मैं बेचारा कर ही नहीं सकता।
7. मेरा तो संडे भी तुम्हारे चक्कर में शहीद हो जाता है। उसी दिन तुम्हें सारी शॉपिंग करनी है, रिश्तेदारों के घर जाना है, फिल्म देखनी है, बाहर डिनर करना है। बाहर डिनर का तुम्हारा प्रोग्राम रूखे-सूखे भोजन के आदी हो चुके मेरे पेट पर कितना भारी पडता है- तुम क्या जानो।
8. जरा सा वजन क्या बढ गया कि अदनान सामी को दिखा-दिखाकर मुझे आत्मग्लानि से भर देती हो कि देखो उसने कितना वजन घटा लिया और एक तुम हो कि..उंह?
9. तुम्हारे लिए तो बहनों-सखियों के पति ही परमेश्वर हैं, मैं नहीं। वे कितनी महंगी साडियां अपनी पत्नी को गिफ्ट करते हैं, बर्थ डे पर डायमंड रिंग देते हैं। मैं जो तुम्हारी फरमाइशें पूरी करता रहता हूं, उसकी कोई कद्र ही नहीं।
10। माना कि मेरी मैथ्स कमजोर है, लेकिन इसका फायदा तुम खूब उठाती हो। हर बार भारत सरकार की तरह तुम्हारा बजट घाटे में जाता है, हर बार मेरी पॉकेट में सेंध लगाकर तुम मुझ गरीब जनता पर कहर ढाती हो।
एक पत्नी --काश एसा न हो
1. वाकई तुम्हें कलर सेंस नहीं है। अपने सहकर्मियों को देखो, कितने स्मार्ट दिखते हैं!
2. चौके-छक्के वाला क्रिकेट! खुद तो दिन भर सोफे पर लेटकर तालियां बजाओगे या सिर पीटोगे, मैं दिन भर किचेन में घुसकर चाय-कॉफी की फरमाइशें पूरी करूं। इंडिया हारे तो मेरी गलती, सारा गुस्सा मुझ पर ही उतरता है।
3. तुम्हारी मां! आती हैं तो पूरे घर को आसमान में उठा लेती हैं। बहू, जरा चिल्ले बना देना, गर्म सूप बना देना, बडी सर्दी है..। मेरी मां आकर पूरी किचेन संभालती हैं, मुझे आराम देती हैं तो क्यों न रहूं मैं खुश!
4. करवाचौथ का व्रत तुम्हारे लिए ही रखती हूं, लेकिन तुम्हें तो उस दिन भी दफ्तर में देर तक रुकने का बहाना मिल जाता है। तुम भी कभी करके देखो इतना त्याग मेरी खातिर।
5. चित भी मेरी और पट भी मेरी। अछी न दिखूं तो मुझे फूहड कहोगे। फैशन में दिलचस्पी लूं तो फैशनेबल हूं? चाहते क्या हो तुम?
6. घर के नून-तेल की चिंता हो न हो, अखबार पढकर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बहस जरूर करोगे। दुनिया के बारे में सोचते हो-कभी मेरे बारे में भी सोचकर देखो।
7. रोज तुम्हारे और बच्चों के लिए ही काम करती हूं। संडे को मेरा भी मन होता है कि बाहर घूमने जाऊं, लेकिन तुम्हें कितने बहाने याद आ जाते हैं। हां, अगर अपने दोस्तों से मिलना हो तो तुम्हारे पास खूब समय रहता है।
8. उफ! कितनी शिकायतें हैं तुम्हें मुझसे। शादी से पहले मेरी कितनी तारीफ करते थे, इतनी जल्दी बदल जाओगे, मुझे मालूम न था।
9. आज तक कभी एक फूल भी तुमने दिया? जीजाजी और सहेलियों के पतियों के गुण गाती हूं इसलिए क्योंकि वे अपनी पत्नियों का खयाल रखते हैं। एक तुम हो, बर्थ डे, मैरेज एनिवर्सरी तक याद नहीं रख सकते, मुझे गिफ्ट क्या दोगे!
10. तुम्हें लगता है मैं फिजूलखर्च हूं। किसी तरह इतने कम पैसे में घर चलाती हूं। मुश्किल वक्त में मैं ही छुपाकर रखे गए पैसे तुम्हें देती हूं, अपने ऊपर तो खर्च नहीं करती।

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