बहुत असं है पुरानी याद को दबा लेना
बड़ा मुश्किल है उसी टीस को जीवन भर महसूस करना //
बड़ी बेरुखी से वो चल दिए अपने ठोर पे
रुखसती में इतने लीन थे हाथ उठा ही छोड़ दिया //
कभी वो नज़र आते है कभी उनका अक्स
लगता है दिल की बात आँखों से बतला रही है//
किसके के रंज और गम में इतना न फ़ना होना
दिल टूट जाये ऐसी खता न करना
कैसे कहू ..?किससे कहू ..? दिल की दास्ताँ
वही के वही है उतने ही फासले है
फिकरे है कसने के लिए //
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